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नागपुर समाचार : प्यारे जिया खान महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नियुक्त

अल्पसंख्यकों का शैक्षणिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास की मेरा मकसद 

नागपुर समाचार : हजरत बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट के चेयरमैन प्यारे जिया खान को महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. राज्यपाल के आदेश अनुसार राज्य अल्पसंख्यक विभाग की ओर से बुधवार को नोटिफिकेशन जारी कर प्यारे खान को आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति प्रदान की गई है. प्यारे जिया खान वर्तमान में हजरत बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट के चेयरमैन पद पर आसीन है और समाजसेवा में मूल रूप से सक्रीय है. राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद पर प्यारे खान की नियुक्ति से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में उत्साह है. विभिन्न अल्पसंख्यक तंजीमों की ओर से उनका अभिनन्दन किया गया है. 

प्यारे खान ने अपनी नियुक्ति पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, राज्य अल्पसंख्यक मंत्री अब्दुल सत्तर सहित भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, विधायक प्रवीण दटके, विधायक मोहन मते, विधायक कृष्णाभाऊ खोपड़े, आमदार विकास कुम्भारे का आभार व्यक्त किया हैं. उन्होंने कहा की अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की समस्याओं और उनके विकास की वर्षों से अनदेखी होती रही है. अल्पसंख्यक वर्ग ने वर्षों से जिन दलों के राजनितिक अस्तित्व को मजबूत करने में अहम योगदान दिया है, उसी समाज को आज राजनितिक प्रतिनिधित्व के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. उनके विकास की सुध तक नहीं ली जा रहीं है. उनकी समस्याओं को अनदेखा किया जा रहा है. प्यारे खान ने कहा की वे अल्पसंख्यक आयोग के माध्यम से राज्य में अल्पसंख्यकों के आर्थिक, शैक्षणिक और संस्कृतिक विकास के लिए काम करेंगे. अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में अल्पसंख्यक मंत्रायलय क माध्यम से निधि प्राप्त कर मूलभूत सुविधाएं विकसित करेंगे. खान ने कहा की उनका उद्देश्य अल्पसंख्यकों का विकास है, और वे इसी पर जोर देते हुए काम करेंगे.       

जल्द ही शुरू होगा इस्लामिक  कल्चरल सेंटर : प्यारे खान  

राज्य अल्पसंख्यक आयोग नवनिर्वाचित अध्यक्ष प्यारे खान ने कहा की नागपुर में ही अल्पसंख्यकों के कई बुनियादी विकास कार्य वर्षों से अधूरे पड़े है. उत्तर नागपुर का इस्लामिक कल्चरल सेंटर (उर्दू घर) इस बदहाली का बहुत बड़ा उदाहरण है. क्षेत्र के नेताजी बार-बार अल्पसंख्यकों के मत से विधायक और मंत्री तक बन जाते है, लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी अल्पसंख्यकों के लिए एक शैक्षिणक और सांस्कृतिक ढांचागत इमारत तक शुरू नहीं करवा पाते है, यह अत्यंत आश्चर्यजनक है. प्यारे खान ने कहा की अब ऐसी अनदेखी को बर्दास्त नहीं किया जायेगा. उन्होंने भरोसा दिलाया की जल्द ही इस्लामिक कल्चरल सेंटर को शुरू करवाया जायेग, यह मामला अल्पसंख्यक विभाग के पास ही है.

भाजपा ही दे रही है अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व     

प्यारे खान ने कहा की खास बात यह है की पिछले दस साल में अल्पसंख्यक आयोग सहित अन्य अल्पसंख्यक पदों पर भाजपा की सरकार में ही नियुक्ति कर समाज को प्रतिनिधित्व दिया गया है. जबकि कांग्रेस ने ढाई साल की आघाडी सरकार में भी किसी भी पद पर नियुक्ति तक नहीं की थी. इतना ही नहीं इस बार विधान परिषद् में भी हिस्सेदारी से वंचित कर दिया है. इससे साफ़ है की कांग्रेस सहित खुद को अल्पसंख्याक वर्ग का हितौषी बताने वाले दल अल्पसंख्यकों का विकास चाहते ही नहीं है. अब लोग भी उनकी मंशा को समझ चुके है और सबक सिखाएंगे. 

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