आंदोलन से स्वास्थ्य सेवाओं में लगी रही भीड़
नागपुर समाचार : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर की प्रताड़ना और हत्या के मामले के विरोध में महाराष्ट्र के निजी डॉक्टरों ने शनिवार को 24 घंटे की हड़ताल बुलाई. उन्हें उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया मिली. परिणामस्वरूप, सभी अस्पतालों में ओपीडी दिन भर बंद रही, इसके अलावा सैकड़ों सर्जरी भी स्थगित कर दी गईं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि सिर्फ जरूरी सर्जरी ही की गईं. इस बीच, निजी अस्पतालों के दरवाजे बंद होने के कारण शनिवार को सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में पूरे दिन भीड़ लगी रही.
महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स के अनुसार, हड़ताल से आपात स्थिति को छोड़कर, बाह्य रोगी, अनुसूचित सर्जरी और प्रयोगशाला प्रक्रियाओं जैसी सेवाएं प्रभावित हुईं. डॉक्टरों के संगठनों की ओर से मांग की गई कि जांच एजेंसियां पारदर्शिता से जांच करें और महिला डॉक्टरों के अपराधियों को कड़ी सजा दें. राज्य में जगह-जगह प्रदर्शन भी हुए
एमएआरडी के अध्यक्ष प्रतीक देबाजे ने कहा कि नागपुर में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और कोल्हापुर में चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ से मुलाकात कर डॉक्टरों की मांगें रखी गई हैं.
कहां क्या परिणाम?
अहमदनगर में 2,400 सर्जरी एक दिन के लिए टाल दी गईं और जलगांव में जिला अस्पताल में काली पट्टी बांधकर 600 सर्जरी टाल दी गईं. लगभग 400 डॉक्टरों ने बिना ओपीडी के केवल आवश्यक सेवाएं प्रदान कीं। हड़ताल में धुले और नंदुरबार जिलों के डॉक्टर भी शामिल हुए.
नासिक शहर के 3 हजार डॉक्टर हड़ताल में शामिल हुए. दिन भर में निजी अस्पतालों की करीब 1565 ओपीडी बंद रहीं. गांव के बाहर से आये मरीजों को काफी परेशानी हुई. डेढ़ हजार गैर-जरूरी सर्जरी टाल दी गईं.