नागपुर समाचार : इ.स. १७८७ में श्रीमंत राजे खंडोजी महाराज भोंसले (उर्फ चिमणाबापू) ने मस्कऱ्या (हडपक्या) उत्सव का आयोजन किया था। सरकार समशेर बहादुर श्रीमंत राजे खंडोजी महाराज भोंसले (उर्फ चिमणाबापू) अन्याय के खिलाफ लड़ते हुए बंगाल तक पहुंचे। बंगाल पर विजय पाकर लौटते समय कुलाचारी गणेशजी का विसर्जन हो चुका था। बंगाल पर मिली जीत की खुशी मनाने के लिए मसकऱ्या (हडपक्या) गणपति की स्थापना की गई तथा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
बाद में महाराज के समान लोकमान्य तिलक ने कुलाचारी गणेशजी को सार्वजनिक उत्सव का रूप दिया। श्रीमंत राजे खंडोजी महाराज ने पितृपक्ष में मस्कऱ्या (हडपक्या) गणपति की परंपरा शुरू की जो आज तक जारी है। इस उत्सव को इस वर्ष २३७ वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। श्रीमंत राजे खंडोजी महाराज के समय में इस गणपति की १८ हाथों की २१ फुट मूर्ति की स्थापना की जाती थी। इस बार भी उसी प्रकार की मूर्ति स्थापित की जाएगी।
गणपति की आगमन रैली आज २० सितंबर को दोपहर ४.३० बजे सी.पी बेरार महाविद्यालय, तुलसीबाग से शुरू होगी तथा जूनियर भोसला पैलेस, राजे प्रतापसिंह भोसले चौक (सूतिका गृह) कोतवाली पुलिस स्टेशन चौक, नरसिंह टॉकीज चौक होकर सीनियर भोसला पैलेस पहुंचेगी।