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नागपुर समाचार : 45वीं शतरंज ओलंपियाड में भारत की ऐतिहासिक जीत

नागपुर की दिव्या देशमुख के बदौलत महिला टीम ने जीता “सोना”

नागपुर समाचार : भारत के पुरुष और महिला शतरंज टीमों ने रविवार, 22 सितंबर को 45वीं शतरंज ओलंपियाड में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। पुरुष टीम ने स्लोवेनिया पर और महिला टीम ने अज़रबैजान पर शानदार जीत दर्ज की। अंतिम दौर में भारतीय महिला टीम ने अज़रबैजान को 3.5-0.5 के अंतर से हराया। भारत की तरफ से द्रोणावली हरिका, नागपुर की दिव्या देशमुख और वंतिका अग्रवाल ने महत्वपूर्ण जीत हासिल की। आर. वैशाली ने फातालियेवा उलविय्या के खिलाफ अपना मुकाबला ड्रॉ खेला हरिका ने मम्मादझादा गुनय को हराया, जबकि दिव्या देशमुख ने बेयदुल्लायेवा गोव्हार को मात दी।

भारत की ऐतिहासिक जीत में दिव्या का योगदान

पहली बार भारतीय पुरुष और महिला दोनों टीमों ने एक साथ स्वर्ण पदक जीता है, जो भारतीय शतरंज इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि है। दिव्या देशमुख ने इस टूर्नामेंट में अपनी शानदार प्रदर्शन के चलते विश्व रैंकिंग में 11वां स्थान हासिल किया है। वह ओलंपियाड के सभी 11 राउंड खेलने वाली एकमात्र भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। अज़रबैजान के खिलाफ फाइनल मुकाबले में दिव्या ने तीसरे बोर्ड पर व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता, जबकि वंतिका अग्रवाल चौथे बोर्ड पर सर्वश्रेष्ठ रहीं।

कैसा रहा दिव्या देशमुख का सफर ?

नागपुर की दिव्या देशमुख का जन्म 9 दिसंबर 2005 को हुआ। उनके माता-पिता जितेंद्र और नम्रता दोनों डॉक्टर हैं। वह भवन्स सिविल लाइन्स स्कूल की छात्रा हैं और बचपन से ही शतरंज में माहिर हैं। दिव्या 18 साल की उम्र में विश्व रैंकिंग में 11वां स्थान हासिल कर चुकी हैं। वह इंटरनेशनल मास्टर हैं और अगस्त 2023 में जूनियर खिलाड़ियों में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ बन गई थीं।

पांच साल की उम्र से शतरंज खेल रही है दिव्या

दिव्या की मां नम्रता देशमुख ने बताया कि दिव्या पांच साल की उम्र से शतरंज खेल रही है। शुरुआत में उसे इस खेल की आदत डालना आसान नहीं था। उसकी बड़ी बहन बैडमिंटन खेलती थी, लेकिन बैडमिंटन रैकेट संभालने में कठिनाई के कारण दिव्या ने शतरंज अकादमी में दाखिला लिया। धीरे-धीरे उसे खेल की आदत लगी और अब वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त कर रही है।

महिला खिलाड़ियों के प्रति व्यवहार पर दिव्या की प्रतिक्रिया  

दिव्या ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में महिला खिलाड़ियों के प्रति दर्शकों के व्यवहार पर सवाल उठाया था। उन्होंने बताया कि खेल के दौरान पुरुष खिलाड़ियों के खेल पर ध्यान दिया जाता है, जबकि महिला खिलाड़ियों के कपड़े और रूप-रंग पर अधिक चर्चा होती है। इस पोस्ट के बाद चर्चा में आने के कारण दिव्या ने इसे इंस्टाग्राम से हटा लिया था।

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