नागपुर : कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने महल स्थित संघ मुख्यालय पहुंचकर सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत से मुलाकात की। सिंधिया का यह दौरा एकदम गोपनीय था। यहां तक कि भाजपा के स्थानीय बड़े पदाधिकारियों को भी कोई जानकारी नहीं थी। सिंधिया ने भी अपने इस दौरे के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। लिहाजा उनके दौरे को लेकर विविध कयास लगाए जा रहे हैं।
राजनीतिक तालमेल पर चर्चा
माना जा रहा है कि सिंधिया ने मध्यप्रदेश की राजनीति में भाजपा के कुछ नेताओं के साथ राजनीतिक तालमेल के विषय पर सरसंघचालक से चर्चा की। सिंधिया मध्यप्रदेश के बड़े नेता हैं। उन्हें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा था। तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ वर्चस्व के संघर्ष के चलते सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी। लिहाजा कांग्रेस सरकार गिर गई। सिंधिया के सहयोग से भाजपा की सरकार बनी। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया।
भाजपा सूत्र के अनुसार, मंत्रिमंडल विस्तार के समय सिंधिया समर्थकों को सत्ता में शामिल करने के लिए कुछ असहमति थी, लेकिन सिंधिया को नाराज नहीं करने के लिए निर्णय लेने पड़े। महत्वपूर्ण विभाग सिंधिया समर्थकों को दिया गया। अब भाजपा में ही एक गुट सक्रिय हो रहा है, जो संगठन में शिकायत कर रहा है कि कांग्रेस से भाजपा में आए कुछ नेता संगठन अनुशासन का पालन नहीं कर पा रहे हैं। संभव है सहमति के विषय पर चर्चा हुई हो
बड़ा कारण नहीं
संघ से जुड़े एक पदाधिकारी के अनुसार, सिंधिया की इस मुलाकात का कोई बड़ा कारण नहीं माना जाना चाहिए। ज्योतिरादित्य की दादी विजयाराजे सिंधिया जनसंघ में रही हैं। पिता माधवराव सिंधिया भी जनसंघ में रहे हैं। सिंधिया परिवार से जनसंघ व संघ का जुड़ाव रहा है। कांग्रेस में रहते ज्योतिरादित्य संघ मुख्यालय में नहीं आए थे। लिहाजा राजनीति की नई पारी शुरू करते हुए वे सरसंघचालक का आशीर्वाद लेने यहां पहुंचे थे।
संघ के ही वाहन से पहुंचे मुख्यालय
ज्योतिरादित्य के दौरे को गोपनीय रखने का प्रयास संघ की ओर से भी किया गया। सुबह 11 बजे वे दिल्ली से इंडिगो 6 ई 135 विमान से यहां पहुंचे थे। भाजपा सांसद साक्षी महाराज भी उसी विमान से आए थे। साक्षी महाराज के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता विमानतल पर पहुंचे थे। उसी दौरान ज्योतिरादित्य विमानतल के गेट पर अकेले निकले। उनके लिए वाहन खड़ा था। उसमें केवल एक चालक ही था। खबर है कि वह वाहन संघ मुख्यालय से ही भेजा गया था। विमानतल से ज्योतिरादित्य सीधे संघ मुख्यालय पहुंचे। डॉ. हेडगेवार के निवास स्थान व स्मृति भवन में भेंट देने के बाद ज्योतिरादित्य को संघ कार्यकर्ता ने ही विमानतल पर छोड़ दिया। स्मृति मंदिर भवन में भेंट देनेवालों की सचित्र जानकारी संघ की ओर से दी जाती है, लेकिन ज्योतिरादित्य की भेंट को लेकर वह खबर भी नहीं दी गई। ज्योतिरादित्य शाम 4 बजे दिल्ली लौट गए।