नागपुर समाचार : लोकसभा चुनाव में वोट जिहाद से भारतीय जनता पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ था। कई सीटों पर हार का कारण मुस्लिमों का एक तरफ वोट करना ही रहा, वहीं कई सीटों पर जीत तो मिली लेकिन लीड कम हो गई, जिसमें नागपुर लोकसभा सीट भी शामिल है। लोकसभा चुनाव की पुनरावृत्ति विधानसभा में न हो इसको लेकर भाजपा ने विशेष रणनीति तैयार की गई, जिससे भले मुस्लिम वोट एक साथ पड़े लेकिन उसका असर भाजपा उम्मीदवारों पर न हो।
लोकसभा चुनाव के समय राज्य भर के तमाम मस्जिदों और इदगाहो से महाविकास आघाड़ी के पक्ष में वोट देने और भाजपा को हराने के लिए घोषणाएं और फतवे जारी किए गए थे, जिसके कई वीडियो भी सामने आए थे। लोकसभा की तर्ज पर विधानसभा चुनाव में भी कुछ इसी तरह वीडियो खबरें सामनी आई है जहां मौलवी महायुति को हराने के लिए महाविकास आघाड़ी को मतदान करने का आवाहन कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव में वोट जिहाद से हुए नुकसान की पुनर्वृति विधानसभा में न हो इसको लेकर भाजपा ने विशेष रणनीति तैयार की है। जिससे भले ही मुस्लिमों के वोट एक मुश्त पड़े लेकिन उसका असर भाजपा उम्मीदवारों या महायुति पर न पड़े। भाजपा ने अपने मतदाताओं को ज्यादा से ज्यादा मतदान केंद्रो पर पहुंचाने का प्लान बनाया है, जिससे भाजपा को ज्यादा वोट मिल सके। इसी के साथ अनमुस्लिम सीटों पर जहां मुस्लिम की संख्या बहुत ज्यादा है वहां वोटों के बिखराव हो इसके लिए काम किया जा रहा है। भाजपा ने उन सीटों पर ऐसे निर्दलीय मुस्मलिम उम्मीदवारों को समर्थन देने का तय किया है जो वहां मजबूत है।
विदर्भ की इन सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं का असर
अकोला पूर्व, मध्य नागपुर, तिओसा अचलपुर यहां मुस्लिमो की संख्या बहुत ज्यादा है, यहां यही तय करते हैं आख़िर कौनसा उम्मीदवार जीतेगा। इसी के साथ पश्चिम नागपुर, अमरावती, यवतमाल जैसी सीटों पर मुस्लिम जिसके पक्ष में हो जाए उसकी जीत पक्की मानी जाती है।