नागपुर समाचार : विदर्भ सहित महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो गए। मतदान में राज्य की जनता ने नया कीर्तिमान रच दिया है। चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 65. 11 प्रतिशत मतदान हुआ है। पिछले 20 सालों में महाराष्ट्र विधानसभा में सबसे ज्यादा वोट इस बार पड़ा है। वहीं उपराजधानी नागपुर में भी इस बार बंपर वोटिंग हुई है।
बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा सीटों की 288 सीटों पर मतदान हुए। लोकसभा चुनाव के मुकाबले विधानसभा चुनाव के लिए जनता में गजब का उत्साह देखने को मिला। सुबह से राज्य के तमाम वोटिंग सेंटरों पर मतदाताओं की भीड़ दिखाई दी। लोकसभा चुनाव में जिस तरह जानता में उदासीनता दिखाई दी थी, वह विधानसभा में नहीं थी। मुंबई, पुणे या नागपुर जैसे शहर हो या गड़चिरोली, गोंदिया जैसे पिछड़े जिले तमाम जगह मतदाता सुबह से ही वोटिंग के लिए लाइन में खड़ा दिखाई दिया।
जनता के इस उत्साह ने राज्य में विधानसभा वोटिंग के पिछले कई रिकॉर्ड तोड़ते हुए नया कीर्तिमान बना दिया। चुनाव आयोग द्वारा जारी फाइनल आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 65.11 प्रतिशत मतदान हुआ है। पिछले 20 सालों में राज्य के अंदर हुआ किसी भी विधानसभा चुनाव में यह सबसे ज्यादा है। पिछले चार विधानसभा चुनाव की बात करें तो सबसे ज्यादा वोटिंग 2014 में करीब 63.5 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।
ऐसे हैं पिछले चार चुनावों का मत प्रतिशत
विधानसभा चुनाव 2004-63%
विधानसभा चुनाव 2009-59%
विधानसभा चुनाव 2014-63.5%
विधानसभा चुनाव 2019-61.5%
विधानसभा चुनाव 2024-65.11%
विदर्भ की 11 जिलों का ऐसा रहा मत प्रतिशत
नागपुर: 60.49%
अकोला: 64.98%
बुलढाना: 70.32%
गोंदिया: 69.53%
गड़चिरोली: 73.68%
भंडारा: 69.42%
अमरावती: 65.57%
यवतमाल: 69.02%
वाशिम: 66.01%
वर्धा: 68.30%
चंद्रपुर: 71.27%
बढ़ा वोट किसके पक्ष में?
चुनाव में जनता ने जिस तरह से बंपर वोटिंग की है वह किसके पक्ष में जगाएगा इसको लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। आमतौर पर यह माना जाता है कि, मतदान बढ़ने का फायदा भाजपा को होता है। हाल ही में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव का परिणाम इसका ताजा उदाहरण है। जहां पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले ज्यादा मतदान हुआ और भाजपा ने तमाम अनुमानों को झूठा बताते हुए राज्य में तिसरी बार सरकार बना ली। इसके पहले मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भी यहीं ट्रेंड दिखाई दिया।
महायुति में खुशी, महाविकास आघाड़ी में शांति
विधानसभा चुनाव में हुए ज्यादा मतदान से दोनो गठबंधनों की सांसे बढ़ा दी है। चुनाव की घोषणा और चुनाव संपन्न होने के बाद दोनों अपनी अपनी सरकार बनने का दावा कर रहे हैं। चुनाव शुरू होने से पहले महाविकास आघाड़ी के नेता सरकार बनने का दम भरते हुए दिखाई देते थे, हालांकि, चुनाव के दौरान उनका उत्साह कम दिखाई दिया। वहीं जो महायुति लोकसभा चुनाव के बाद पिछड़ गई थीं वह अब फ्रंट फूट पर आकर खेलती हुई दिखाई दी। मतदान के दिन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के चेहरे पर जिस तरह का कॉन्फिडेंस दिखाई दिया उसने कई बातें स्पष्ट कर दी।