महाराष्ट्र समाचार : महायुति को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद सरकार गठन की तैयारी शुरू हो गई है। गठबंधन के तीनों घातक दलों मेसे मुख्यमंत्री किसे मिलेगा इसकी चर्चा जोर-शोर से शुरू है। हालांकि, मुख्यमंत्री के साथ कौन-कौन मंत्री बनेगा इसको लेकर भी खुसफुस शुरू हो गई है। मंत्री बनने के इक्छुक विधायकों ने लॉबिंग करना भी शुरू कर दिया है। भाजपा हो, शिवसेन हो या एनसीपी के विधायक सभी ने पार्टी के बड़े नेताओं के पास मेलजोल तेज कर दिया है।
विदर्भ की 62 सीटों में से महायुति को 49 सीटों पर जीत मिली है। वहीं महाविकास अघाड़ी को केवल 13 सीट ही मिल पाई। महायुति में सबसे ज्यादा भाजपा को 39, शिवसेना को पांच, अजित गुट को चार सीट और बडनेरा सीट पर भाजपा समर्थित रवि राणा जीते हैं। सीटों के हिसाब से देखें को भाजपा की संख्या बहुत ज्यादा है। आगामी सरकार के मंत्रिमंडल में भाजपा मंत्रियों की संख्या ज्यादा होगा।
चलिए जानते हैं किसे बनाया जा सकता है मंत्री
चंद्रशेखर बावनकुले : वर्तमान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाल रहे चंद्रशेखर बावनकुले महयुति सरकार में मंत्री बनने के सबसे बड़े दावेदार है। उनकी अगुवाई में भाजपा ने राज्य में इतनी बड़ी जीत हासिल की है। इसी के साथ वह भाजपा के बड़े ओबीसी चेहरे में से एक हैं। जिसके कारण उनका मंत्री बनना लगभग तय है।
आशीष देशमुख : भाजपा के आशीष देशमुख भाजपा ओबीसी विंग के प्रभारी हैं। 2024 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के कद्द्वार नेता सुनील केदार की पत्नी अनुजा केदार को सावनेर विधानसभा सीट हराया है। देशमुख एक जॉइंट किलर साबित हुए हैं। वहीं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रचार के दौरान घोषणा की थी, अगर आशीष सावनेर से चुनाव जीतते हैं तो उन्हें राज्य सरकार में मंत्री बनाया जाएगा।
कृष्णा खोपड़े : महायुति सरकार में मंत्री बनने की सूचि में कृष्णा खोपड़े का नाम भी शामिल है। खोपड़े नागपुर पूर्व विधानसभा सीट से लगातार चौथी बार जीतकर विधानसभा पहुंचे है। यही नहीं खोपड़े ने विदर्भ में सबसे बड़ी लीड से चुनाव जितने का रिकॉर्ड बनाया है। खोपड़े ने अपने निकटतम उम्मीदवार एनसीपी के दुनेश्वर पेठे को 115,288 वोटो से हराया है।
धर्मरावबाबा आत्राम : अहेरी विधानसभा सीट से पांचवी बार चुनाव जितने वाले धर्मरावबाबा आत्राम का भी मंत्री बनना लगभग तय है। वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़े आदिवासी नेता है। वहीं 2023 में जब अजित पवार महयुति सरकार में शामिल हुए थे, उस समय आत्राम उन नौ विधायकों में शामिल थे, जिन्हे मंत्री की शपथ दिलाई गई थी।
संजय कुटे : जलगांव-जामोद विधानसभा सीट से लगातर चौथी बार चुनाव जितने वाले संजय कुटे भी मंत्री बनने की रेस में शामिल है। कुटे को देवेंद्र फडणवीस का बेहद करीबी माना जाता है। फडणवीस की की अगुवाई वाली सरकार में कुटे को राज्य मंत्री बनाया गया था। जिसको देखते हुए इस बार भी कुटे के मंत्री बनने की संभावना जताई जा रही है।
विनोद अग्रवाल : गोंदिया विधानसभा सीट से चुनाव जितने वाले विनोद अग्रवाल को भी मंत्री बनाया जा सकता है। कांग्रेस के कद्दावर नेता गोपालदास अग्रवाल को लगातर दूसरी बार हराकर बड़े बहुमत के साथ विधानसभा पहुंचने वाले अग्रवाल की मंत्री के रेस में हैं।
रवि राणा : युवा स्वाभिमानी पक्ष और भाजपा नेता नवनीत राणा के पति रवि राणा को भी मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है। बडनेरा विधानसभा सीट से राणा लगातार चौथी बार चुनाव जीते हैं। राणा को देवेंद्र फडणवीस का करीबी माना जाता है। पिछली महायुति सरकार का जब गठन हुआ था उस समय भी राणा के मंत्री बनने की जोरदार चर्चा थी।
सुलभा खोडके : अमरावती शहर सीट से चुनाव जितने वाली सुलभा खोडके की भी किस्मत खुल सकती है। अजित पवार का करीबी होने के नाते आगामी मंत्री मंडल में उन्हें भी मंत्री बनाया जा सकता है।
आकाश फुंडकर : खामगांव विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव जितने वाले आकाश फुंडकर को भी मंत्री बनाया का सकता है। आकाश बुलढाणा जिला भाजपा के अध्यक्ष भी हैं। उनकी अगुवाई में भाजपा या कहें महायुति ने जिले में क्लीन स्वीप किया है। जिसको देखते हुए इनाम के तौर पर उन्हें भी मंत्री पद से नवाजा का सकता है।
समीर कुणावर : वर्धा जिले की हिंगणघाट विधानसभा सीट से तीसरी बार चुनाव जितने वाले समीर कुणावर को भी मंत्री बनाया का सकता है। कुणावर को बेहद साफ़ छवि वाले नेताओं में गिना जाता है। वहीं जनता के बीच उनकी अच्छी लोकप्रियता है। जिसको देखते हुए भाजपा उन्हें मंत्री बना सकती है।
सुधीर मुनगंटीवार : बल्लारपुर विधानसभा सीट से लगातार चौथी बार चुनाव जितने वाले सुधीर मुनगंटीवार का मंत्री बनना लगभग तय है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक मुनगंटीवार 25 हजार से ज्यादा की लीड से चुनाव जीते हैं। पिछली सरकार में पर्यावरण और संस्कृति मंत्रालय संभालने वाले मुनगंटीवार को इस बार बड़ा मंत्रालय मिल सकता है।
रणधीर सावरकर : अकोला पूर्व से चुनाव जितने वाले रणधीर सावरकर भी इस बार मंत्री बनने के रेस में शामिल है। सावरकर ने 2024 के चुनाव में अपने निकटतम प्रतिध्वंधि उद्धव ठाकरे के उम्मीदवार गोपाल दातकर को 50 हजार से ज्यादा मार्जिन से हराया है। अकोला जिले में वरिष्ठ विधायक होने के नाते उन्हें भी मंत्री बनाया जा सकता है।
अशोक उइके : रालेगांव विधानसभा सीट से तीसरी बार चुनाव जितने वाले उइके को भी इस बार मंत्री बनाया जा सकता है। उइके भाजपा के प्रमुख आदिवासी नेताओं में एक है। वहीं इस बार एसटी समाज ने इस बार भाजपा को दिल खोलकर मतदान किया है। जिसके कारण उन्हें मंत्री की कुर्सी मिल सकती है।