महाराष्ट्र समाचार : मुख्यमंत्री पद को लेकर राज्य में जारी गतिरोध अब किसी भी समय समाप्त हो सकता है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता दीपक केसरकर ने एक कदम पीछे हटते हुए कहा कि हर पार्टी के कार्यकर्ता को लगता है कि मुख्यमंत्री उसी की पार्टी का होना चाहिए लेकिन मुख्यमंत्री पद का निर्णय भाजपा नेतृत्व ही करेगा। केसरकर के बयान से साफ है कि देवेंद्र फड़णवीस का दोबारा मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। देवेंद्र ही महाराष्ट्र के अगले ‘इंद्र’ बनाए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन के पास अपना इस्तीफा दे दिया था। मुख्यमंत्री पद कायम रखने के लिए शिंदे सेना की ओर से दबाव की राजनीति की जा रही थी। महायुति की सफलता में अपना अधिक योगदान होने से कम से कम दो-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद कायम रखने की उम्मीद शिंदे ने जताई थी।
शिवसेना प्रवक्ता ने शिंदे को ही मुख्यमंत्री बनाने की मांग खुलकर की थी। शिवसेना विधानमंडल की बैठक में भी एकनाथ शिंदे को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने की मांग विधायकों ने की थी। शिंदे समर्थकों ने शक्ति प्रदर्शन भी किया। लाड़ली बहन, स्वास्थ्य सेवा, विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाले लाभार्थियों को सामने कर शिंदे को ही मुख्यमंत्री बनाने का दबाव बनाया गया। राज्य के विभिन्न मंदिरों में महाआरती, महापूजा कर ईश्वर से शिंदे के लिए प्रार्थना की गई।
शिंदे के इस्तीफे से पहले बड़ा शक्ति प्रदर्शन करने की शिवसेना की योजना थी। इसके लिए ठाणे, मुंबई में विभाग प्रमुखों के जरिये कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री के सरकारी निवासस्थान ‘वर्षा’ पर जमा होने के आदेश जारी किए गए थे। बाद में स्थितियां बदल गईं और मुख्यमंत्री शिंदे ने आधी रात के बाद ‘एक्स’ के जरिये कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों को वर्षा पर नहीं जमा होने की अपील की। उन्होंने महायुति बेहद मजबूत होने का हवाला भी दिया। शिंदे के इस्तीफे के बाद शिवसेना प्रवक्ता दीपक केसरकर की भाषा भी सौम्य हो गई।
शिंदे ने किया समझौता
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री पद भाजपा के लिए छोड़ने की तैयारी दिखाने वाले एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ फायदेवाला सौदा भी किया है। इसके अनुसार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने सांसद बेटे डॉ. श्रीकांत शिंदे को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग सामने रख दी जबकि स्वयं के लिए केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण पद की मांग की। हालांकि अभी इस पर सहमति बनी या नहीं इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।