नागपुर समाचार : भारतीय रियल एस्टेट सलाहकार वेलफेयर यूनियन, नागपुर के पदाधिकारियों ने हाल ही में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री मा. अजीतदादा पवार से मुलाकात की। इस बैठक में रियल एस्टेट क्षेत्र में काम करने वाले सभी सलाहकारों की समस्याओं, धोखाधड़ी, और महारेरा से संबंधित कठिनाइयों पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में रियल एस्टेट सलाहकारों के लिए बनाए गए नियमों पर भी चर्चा हुई, जिसमें महारेरा परीक्षा, परीक्षा शुल्क, छह महीने की रिपोर्ट, PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े नियम), और अन्य मुद्दे शामिल थे। सलाहकारों ने इन प्रक्रियाओं को अधिक सहज और प्रभावी बनाने की मांग की।
सलाहकारों की समस्याओं को सुनने के बाद, मा. अजीतदादा पवार ने इस क्षेत्र की चुनौतियों का जल्द समाधान निकालने का आश्वासन दिया। उन्होंने सलाहकारों को उनकी मेहनत का उचित मुआवजा दिलाने, धोखाधड़ी पर सख्ती से रोक लगाने, और महारेरा की प्रक्रियाओं में सुधार के लिए अगले चरण में चर्चा करने का संकेत दिया।
यूनियन के पदाधिकारियों ने उपमुख्यमंत्री मा. अजीतदादा पवार के समक्ष कई प्रमुख मुद्दे उठाए। इनमें कमीशन की स्पष्टता, धोखाधड़ी रोकने के लिए सख्त नियम, बीमा योजना, और रियल एस्टेट व्यवसाय में पारदर्शिता लाने के ठोस उपाय शामिल थे।
मा. अजीतदादा पवार ने सलाहकारों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए जल्द ही ठोस निर्णय लेने और रियल एस्टेट क्षेत्र में स्थिरता लाने का वादा किया। उन्होंने कहा, “सरकार सलाहकारों की मांगों के प्रति संवेदनशील है और उन्हें न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
इस चर्चा में भारतीय रियल एस्टेट सलाहकार वेलफेयर यूनियन की ओर से राजवीर सिंह, डॉ. के.एम. सुरडकर, प्रदीप मनवर (राष्ट्रीय समन्वयक), प्रबोध देशपांडे (जिला समन्वयक), संजय कृपान (उपाध्यक्ष), संजय धापोडकर (समन्वयक), संजय खोब्रागड़े (उपाध्यक्ष), अनिल सोनकुसरे (कोषाध्यक्ष), और स्वप्नील खापेकर ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
इस बैठक से सलाहकारों में एक नई उम्मीद जगी है। अगले चरण में महत्वपूर्ण निर्णय होने की संभावना है। सरकार का सकारात्मक दृष्टिकोण और इस दिशा में उठाए जा रहे कदम जल्द ही रियल एस्टेट क्षेत्र की समस्याओं के समाधान में सहायक सिद्ध होंगे।