नागपुर समाचार : चीन से ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) फैलने और देश में इसके मरीज मिलने के बाद से हर जगह असमंजस की स्थिति है। लोगों में चिंता है कि कहीं यह कोरोना जैसी कोई महामारी तो नहीं। वहीं, नागपुर में दो बच्चों के HMPV पॉजिटिव आने की खबर के बाद से शहरवासियों में भी चिंता का माहौल है। लेकिन जिलाधिकारी विपिन इटनकर ने आश्वासन दिया है कि सब ‘अंडर कंट्रोल’ और किसी को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
नागपुर में दो बच्चों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) की पुष्टि होने के सवाल पर कलेक्टर डॉ विपिन इटनकर ने कहा कि जो बच्चों की बात हो रही है। उनका ओपीडी चेकिंग में उनका सैंपल लिया गया था। उनकी जांच में यह वायरस होने की शंका सामने आई। कलेक्टर ने बताया कि उनके सैंपल एम्स और एनआईवी पुणे की लैब में भेजे जाएंगे। वहां से जांच होने के बाद ही कहा जा सकता है कि यह वायरस वास्तव में उन बच्चों में पाया गया था। कलेक्टर ने बताया कि फिलहाल वह बच्चे अपने घर पर सामान्य स्थिति में हैं।
इसी विपिन इटनकर ने जानकारी दी कि स्वास्थय विभाग ने कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिन्हें हम सभी अस्पतालों, जिला अस्पताल में भेजे जाएंगे। इसी के साथ कलेक्टर ने अपील करते हुए कहा कि यह कोई नई बीमारी या वायरस नहीं है, कोविड से इसका कोई संबंध नहीं और घबराने की भी को जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सामान्य लोगों को जानकारी दी जाए कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
इससे पहले कहां आया वायरस ?
डॉ विपिन इटनकर ने जानकारी दी कि यह एचएमपी वायरस सबसे पहले साल 2001 में नीदरलैंड सामने आया था। यह एक सामान्य श्वसन विषाणु है, जो ऊपर सांस लेने में (सर्दी की तरह) संक्रमण का कारण बनता है। यह एक मौसमी बीमारी है जो आमतौर पर आरएसवी और फ्लू की तरह सर्दियों और गर्मियों की शुरुआत में होती है।