नागपुर समाचार : नागपुर महानगरपालिका तथा लोटस कल्चरल एण्ड सपोर्टिंग असोसिएशन द्वारा आयोजित श्रीकृष्ण चरित्र महा रासलीला में शुक्रवार को कौरव वंश के राजा दुर्योधन द्वारा निर्दोष पाण्डवों को सताने और उन्हें मारने के लिए लाक्षागृह की कथा का मंचन श्याम सुंदर अग्रवाल व मोहन अग्रवाल की उपस्थिति में संपन्न हुआ.
कथा के अनुसार वनवास काल में जब पांडव वन में सो रहे थे, उस स्थान के पास ही एक हिडम्ब नामक राक्षस अपनी बहन हिडिम्बा के साथ रहता था. भीम के रूप देखकर हिडिम्बी उन पर मोहित हो गई और उन्हें अपना पति मान लिया. हिडिम्बा के अनुनय विनय से माता कुन्ती व युधिष्ठिर के निर्णय से दोनों का गन्धर्व विवाह हुआ. इसके बाद हिडिम्बा गर्भवती हुई और एक महाबलवान पुत्र को जन्म दिया. जिसका नाम घटोत्कच रखा गया. जल्द ही कृष्ण के कहने पर मणिपुर में मुरदैत्य की लडक़ी कामकंटका से गन्धर्व विवाह हुआ व कुछ समय व्यतीत होने के पश्चात उन्हें महान पराक्रमी पुत्र को जन्म दिया. कुछ काल बीत जाने के बाद कुरूक्षेत्र मैदान में कौरवों और पाण्डवों के बीच में युद्ध की तैयारियां होने लगी. तब रास्ते में ही भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरीक की परीक्षा लेने के लिए ब्राह्मण के भेष में उसके पास पहुंचे. भगवान ने बर्बरीक की मन की बात जानने के लिए उससे पूछा कि तुम किसकी और से युद्ध लड़ने आए हो तब बर्बरीक ने कहा कि जो कमजोर पक्ष होगा उसकी ओर से युद्ध में लडूंगा. तब ब्राह्मण बने श्रीकृष्ण ने बर्बरीक से याचना की तब बर्बरीक ने कहा “हे ब्राह्मण ! क्या चाहते हो तब श्रीकृष्ण ने बर्बरीक से उसका सिर मांग लिया. जिसके बाद बर्बरीक ने बिना देर किए अपने वचन का पालन किया. आज की लीला में रासबिहारी प्रभु का महारास होगा.
त्रिवेणी संगम का संगम है रासलीला
शुक्रवार को रासलीला देखने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस आए. उन्होंने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह आयोजन चरित्र निर्माण, आध्यात्मिक ज्ञान और धर्म पुराण की त्रिवेणी का संगम है. इस आयोजन के लिए संयोजक दयाशंकर तिवारी मनपा तथा लोटस के समस्त कार्यकर्ताओं को बधाईयां दी. उन्होंने वृंदावन से आए सभी बृज वासियों को पवित्र लीला के दर्शन कराने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया. रास आचार्य स्वामी कृष्ण मुरारी का स्वागत भी किया गया.