नागपुर समाचार : साइबर क्राइम की दुनिया तेजी से बदल रही है। साइबर अपराधियों द्वारा एआई का इस्तेमाल कर आम आदमी को धोखा देने की कोशिश की जा रही है। यदि साइबर युद्ध को रोकना है तो प्रौद्योगिकी को स्वयं प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने में सक्षम होने की आवश्यकता है। भविष्य को देखते हुए एआई क्षेत्र में स्टार्टअप की जरूरत है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज विश्वविद्यालय परिसर में ‘साइबर हैक-2025’ प्रतियोगिता पुरस्कार वितरण समारोह में यह बात कही। उन्होंने कहा कि वह एआई क्षेत्र में छात्र स्टार्टअप को हर संभव सहायता देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देशभर में तरह-तरह के साइबर फ्रॉड चल रहे हैं। आने वाले समय में साइबर क्राइम पर विशेष ध्यान देना होगा। महाराष्ट्र ने एक साइबर प्लेटफॉर्म बनाया है। केंद्र सरकार ने भी इस मंच की सराहना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट से पता चला है कि महाराष्ट्र स्टार्टअप राजधानी बन गई है।
साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा से संबंधित आगामी चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए साइबर हैक नागपुर शहर पुलिस की एक अलग पहल थी। यह प्रतियोगिता साइबर अपराध से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए आयोजित की गई थी। प्रतियोगिता 6 जनवरी 2025 को पांच विषयों में शुरू हुई थी।
पहले चरण में (ऑनलाइन राउंड) आयोजित किया गया था। इस पहले दौर में देश भर से 600 टीमों ने भाग लिया और साइबर तकनीक से संबंधित अपनी समस्याओं के समाधान के लिए समाधान प्रस्तुत किये। इन 600 टीमों में से 20 टीमों को फाइनल राउंड (ऑफ़लाइन राउंड) के लिए चुना गया। फाइनल राउंड 7 से 8 जनवरी 2025 के बीच IIM नागपुर में आयोजित किया गया था। इसमें रामदेव बाबा कॉलेज (प्रथम), इंफोसिस कॉरपोरेट (द्वितीय) और रायसोनी कॉलेज (तृतीय) की विजेता टीमों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।