नागपुर समाचार : भाजपा विधायक कृष्णा खोपड़े ने विधानसभा में ध्यानाकार्षण प्रस्ताव के तहत नियमितिकरण का मुद्दा उपस्थित किया। उन्होंने कहा कि शहर में अनेक नागरिक विविध ले-आउट में ओपन स्पेस, पार्क व अन्य आरक्षित जगह पर मकान बनाकर रह रहे हैं। उनके मकानों को गुंठेवारी अधिनियम अंतर्गत नियमितिकरण करना जरूरी है। इस पर नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने आरक्षित भूखंड गुंठेवारी कानून अंतर्गत नियमितिकरण किए जाएंगे, यह आदेश उन्होंने नासुप्र को देने और पत्र भेजने की भी जानकारी दी।
खोपड़े ने कहा कि लाखों की संख्या में नागरिकों ने नियमितिकरण करने के लिए नासुप्र में ३००० रुपए भरकर आवेदन जमा किए। नासुप्र को नियमितिकरण करने के अधिकार होने के बावजूद वे नहीं कर रही हैं। इसके लिए २०१३ में अडाणी समिति भी गठित की गई थी। अनेक छोटे-मोटे आरक्षण हटाए गए थे, किन्तु २०१५ में समिति का कार्यकाल समाप्त हो गया। इसके बाद १० वर्ष में आरक्षण बाबत कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिर से समिति गठित कर गुंठेवारी कानून अंतर्गत छोटे मोटे आरक्षण रद्द करने में मदद मिलेगी।
भाजपा विधायक प्रवीण दटके ने भी गुंठेवारी कानून के जटिल शर्तों और नासुप्र को बर्खास्त करने का मुद्दा उपस्थित किया। उन्होंने कहा कि गुंठेवारी कानून अंतर्गत नागपुर के करीब १.५० लाख प्लाट धारकों ने नियमितिकरण के लिए आवेदन किया है। २ साल से एक को भी रिलिज लेटर नहीं दिया है। प्लाट लीज आउट करते समय गलत पद्धति से शुल्क वसूला जा रहा है। हुडकेश्वर क्षेत्र में मनपा द्वारा नियमितिकरण शुरू किया गया है, वहां नासुप्र द्वारा शुल्क वसूला जा रहा है। उन्होंने एनआईटी को एनएमआरडीए में विलय कर बर्खास्त करने की मांग की।