एंबुलेंस के इंतजार में निकल गई जान, तड़पता रहा मरीज
नागपुर : दिन-रात लोगों की सेवा में रहने का मनपा प्रशासन का दावा फिर झूठा साबित हुआ। एक व्यक्ति जमीन पर तड़प रहा था। लोग तमाशबीन बने रहे। संभवत: कोरोना के डर से किनारे रहे और मनपा प्रशासन ने तवज्जो नहीं दी। न तो एंबुलेंस भेजी गई और न ही उपचार की कवायद शुरू की गई। नतीजा, समय पर उपचार नहीं मिलने से उसने वहीं दम तोड़ दिया। इसके बाद भी मनपा प्रशासन की उदासीनता ऐसी रही कि शव ले जाने के लिए शववाहिका तक नहीं पहुंची। भाजपा पार्षद संजय कुमार बालपांडे फोन लगाते रहे, लेकिन कोई प्रतिसाद नहीं मिला। इंसानियत को शर्मसार करने वाली यह घटना मंगलवार को चिटणीस पार्क, बेनिगीरीवाड़ा के पास हुई।
ये हैं गैरजिम्मेदार…किससे उम्मीद की जाए संकटकाल में
- 108 का जवाब: हम तो इमरजेंसी सेवा के लिए हैं
- पुलिस कंट्रोल रूम : मनपा को इस बारे में बताआे
- मनपा के डाक्टर : व्यवस्था करता हूं, देखता हूं
- गांधीबाग जोन का अधिकारी : एंबुलेंस व ड्राइवर है, लेकिन उठाने के लिए कर्मचारी नहीं है।
- मनपा सफाई निरीक्षक की दो टूक : पुलिस पंचनामा कर लो, गाड़ी पहुंचने में एक घंटा लगेगा।
फोन लगाते रहे, बहाने सुनते रहे
- चिटणीस पार्क बेनिगीरीवाड़ा के पास मंगलवार सुबह 11 बजे एक 50 वर्षीय व्यक्ति जमीन पर गिर पड़ा। उसकी सांसें चल रही थीं।
- स्थानीय निवासी लोखंडे ने इसकी सूचना 108 नंबर पर दी। जवाब मिला एंबुलेंस एमरजेंसी सेवा के लिए है।
- फिर पुलिस कंट्रोल रूम को फोन लगाया। जवाब मिला मनपा को बताआओ।
- पार्षद संजयकुमार बालपांडे के भांजे अनूप कठाणे को सूचना दी गई। अनूप ने मनपा के डाक्टर को फोन लगाया, जवाब मिला व्यवस्था करता हूं।
- पार्षद बालपांडे ने गांधीबाग जोन के अधिकारी को फोन लगाया, जवाब मिला एंबुलेंस व ड्राइवर है, लेकिन उठाने वाले कर्मचारी नहीं है।
- दोपहर 12 बजे उस मरीज ने दम तोड़ दिया।
लापरवाही की हद आगे भी है
- पार्षद बालपांडे ने लाश उठाने के लिए सफाई निरीक्षक से बात की, सफाई निरीक्षक पहुंचा और जवाब दिया-पुलिस पंचनामा कर लो, गाड़ी पहुंचने में एक घंटा लगेगा।
- कोतवाली थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ज्ञानेश्वर भोसले को सूचना दी और पुलिस तुरंत घटनास्थल पहुंची आैर पंचनामा करके निकल गई।
- लाश उठाने के लिए दोपहर 1 बजे तक मनपा की शववाहिका नहीं पहुंची।
समाजसेवी शमीम सिद्दीकी ने किसी काम से पार्षद को फोन किया। पार्षद ने घटनाक्रम बताते ही सिद्दीकी ने जमियत उलेमा संस्था को सूचना दी। संस्था के लोग तुरंत घटनास्थल पहुंचे आैर लाश को मेयो अस्पताल ले गए।