हाइलाइट्स
- कोरोना सामाजिक कलंक नहीं
- हॉस्पिटलों की जांच हो
- कल तक पेश करें रिपोर्ट
नागपुर : हाई कोर्ट ने शहर में कोरोना पॉजिटिव लोगों के हाथ पर स्टैम्प लगाने के आदेश दिये. बुधवार को स्व संज्ञान से दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश रवि देशपाई और न्यायाधीश पुष्पा गनेडीवाला की बेंच ने विभागीय आयुक्त और मनपा आयुक्त को यह आदेश दिया. हाई कोर्ट ने कहा कि शहर में कोरोना की स्थिति भयावह हो चुकी है. पॉजिटिव पाये लोग भी बरत रहे हैं और होम आइसोलेशन के दौरान इलाज के बजाय बाहर घूमते पाये गये है. ऐसे में कोरोना पजिटिव मरीजों के हाथ पर स्टैम्प उसमाया जाये या फिर उनकी अंगुली पर विशेष स्याही लगायी जाये.
न्यायाधीश देशपांडे ने कहा कि कोरोना का प्रसार तेजी से हुआ क्योकि कोरोना पॉजिटिव के मरीज शहर में घूम रहे थे. इन रोगियों को घर पर या अस्पताल में इलाज करने की आवश्यकता होती है लेकिन अगर वे खरीदारी के लिए ऑफिस के काम के लिए बाहर जा रहे है, तो उन्हें पहचानने की जरूरत है.अगर वे घर से बाहर निकल रहे हैं, तो उन्हें क्वारटाइन सेंटर में रखा जाना चाहिए. इसके जवाब मे विभागीय आयुक्त और मनपा आयुक्त की और से दलील दी गई कि जिन कोरोना पॉजिटिव मरीजों में ऐसे लक्षण नहीं थे, उनपर मुहर नहीं लगाई जा सकती. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को एक सामाजिक कलंक माना जाता है. इसलिए इस तरह से मुहर लगाने से मरीजों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
कोरोना सामाजिक कलंक नहीं
विभागीय आयुक्त और मनपा आयुक्त की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता सुबोध धर्माधिकारी से राय मागी. सीनियर एडवोकेट धर्माधिकारी ने कहा कि अब कोरोना को सामाजिक सामाजिक कलंक नहीं माना जा रहा है. शहर मे लगभग हर परिवार के एक सदस्यों कोरोना हुआ हो चुका है. इसलिए जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं है लेकिन यदि वे पोजिटिव पाये जाते हैं और होम क्वारंटाइन है तो भी उनके हाथ पर स्टैम्प लगाई जा सकती है.
हॉस्पिटलों की जांच हो
सुनवाई के दौरान फूड एंड इस एडमिनिस्ट्रेशन कमिश्नर अरुण उहलेने हाई कोर्ट को जानकारी दी कि कुछ हास्पिटल जीवनरक्षक दवाओं और ऑक्सीजन का स्टॉक कर रहे है. इससे ऑक्सीजन और दवाओं की कमी हो रही है. इस पर कोर्ट ने आदेश दिया कि ऐसे जमाखोर हॉस्पिटलो की तुरंत जांच हो और जरूरत पड़े तो जरूरत से अधिक स्टाक पाये जाने पर कानूनी रूप से कार्रवाई करे,
कल तक पेश करें रिपोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद जो लोग पोजिटिव पाये गये है उनके हाथ पर स्टैम्प लगाना चाहिए.साय हीजो कोराना टेस्ट के लिए गए है. उनकी उगली पर स्याही लगा देनी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि इस आदेश को तत्काल प्रभाव में लाया जाये और 25 सितंबर को इस बारे में रिपोर्ट पेश की जाये.सुनवाई के दौरान न्यायालय मित्र के तौर पर एडवोकेट बोरग भाडारकर, मनपा की ओर से एडवोकेट सुधीर पुराणिक तथा सरकार की और से एडवोकेट दीपक ठाकरे ने दलीले पेश की.