नागपुर : शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में विद्यार्थियों, डॉक्टर और सर्जन के लिए सिमुलेटिंग लैब तैयार की जा रही है। इस लैब में अलग-अलग विभागों बना कर आधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। इसमें डॉक्टर असली सर्जरी की तरह मशीनों पर अभ्यास कर सकेंगे। यह प्रैक्टिकल प्रैक्टिस के लिए बनाया जाएगा। आम तौर पर सर्जरी की प्रैक्टिस करने में सर्जन को करीब 2 से 3 साल लगते हैं। इसके लिए करीब 5 करोड़ रुपए सैंक्शन हो गए हैं। 2 माह में यह बनकर तैयार हाे जाएगी।
फिलहाल इस तरह प्रैक्टिस : मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पढ़ाई करने के बाद उन्हें सर्जरी लिए लगातार प्रैक्टिस करनी पढ़ती है। पहले पढ़ाई में थियोरेटिकल जानकारी लेते हैं। फिर सेमिनार और वर्कशाॅप में जानकारी दी जाती है। इसके बाद सर्जरी में उन्हें असिस्ट करना पड़ता है। फिर धीरे-धीरे उन्हें सुपरवाइज कर के छोटी प्रक्रिया कराई जाती है। इन सभी में अभ्यास करने के बाद उन्हें सुपरविजन में सर्जरी करनी होती है। इस तरह यह प्रक्रिया बहुत लंबी हो जाती है। इस समय को कम करने के लिए और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए यह लैब बनाई जा रही है।
स्टोर इमारत की सबसे ऊपरी मंजिल में होगी तैयार : यह लैब मेडिकल परिसर में स्टोर की इमारत में सबसे ऊपरी मंजिल पर बनेगी। यह करीब 3000 से 3500 वर्ग फीट में तैयार होगी। यह करीब 5 करोड़ का प्रोजेक्ट है, जो कि फेज के अनुसार तैयार हाेगा। बजट ज्यादा होने और मशीनों के लाने के लिए इसे फेज में बनाया जाएगा। इसमें शुरू में दो से तीन विभागों की मशीनें लाई जाएंगी। इसके बाद धीरे-धीरे मशीनें बढ़ाकर सभी विभागों की सिमुलेटिंग लैब तैयार की जाएगी।
विद्यार्थियों को फायदा : इस लैब के उपयोग की प्राथमिकता पहले मेडिकल स्टूडेंट्स, सर्जन और डॉक्टरों को दी जाएगी। इसके बाद ऑउटसोर्स के लिए भी योजना बनाई जाएगी। यह मशीनें अमेरिका की कंपनी से खरीदी जा रही हैं। कंपनी के साथ टाइअप हुआ है। उस कंपनी के साथ सर्टिफाइड कोर्स भी शुरू किए जाएंगे, जिसका फायदा नागपुर के विद्यार्थियों को मिल सकेगा।
मशीनों का ऑर्डर दिया गया है : कुछ मशीनें पहले से मंगा ली गई हैं, जिनका उपयोग किया जा रहा है। यह मशीनें तीन तरह की होती हैं। पहला लो एंड, दूसरा मिड एंड और तीसरा हाई एंड मशीनें। वर्तमान में मेडिकल में गायनिक और पीडियाट्रिक्स की लो एंड मशीनें उपलब्ध हैं। इसके बाद हाई एंड में जनरल सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, रेडियोलॉजी और गायनिक की मशीनें खरीद ली गई हैं। धीरे-धीरे यह डिलीवर होगी। इसके साथ ही हाई एंड की हाई कैडवरी डिसेक्शन टेबल भी खरीदी जाएगी। अलग-अलग विभागों की कुछ और मशीनें इसमें जोड़ी जाएंगी, जो कि मिड और लो एंड लेवल की होगी। इस लैब में मशीनाें पर सर्जरी की जा सकती है। यह सर्जरी पूरी तरह मानव सर्जरी की तरह होती है। इससे कोई जनहानि भी नहीं होगी।
धीरे-धीरे अपडेट करेंगे लैब : हमने लैब को लेकर पूरी तैयारी कर ली है। इसकी मशीनें पर्चेस में है धीरे-धीरे डिलीवरी होगी। लैब तैयार होने के बाद इसे धीरे-धीरे अपडेट किया जाएगा। इसमें सभी विभागों की मशीनें लाई जाएंगी। इससे विद्यार्थियों, डॉक्टर और सर्जन के लर्निंग प्रक्रिया के समय में कमी होगी साथ ही आत्मविश्वास बढ़ेगा। यह लैब तैयार होने में करीब 2 माह का समय लग सकता है। -डॉ. सजल मित्रा, डीन, मेडिकल अस्पताल