नागपुर : महावितरण ने बिजली बिल की बढ़ती बकाया राशि पर नाराजी जताते हुए 31 दिसंबर तक वसूली का आदेश दिया। वसूली में कमजाेर साबित होने पर संबंधित अधिकारी को जिम्मेदार मानते हुए एसीआर (वार्षिक गोपनीय अहवाल) प्रभावित करने की चेतावनी दी गई है। महावितरण के प्रादेशिक संचालक सुहास रंगारी की ओर से 2 दिसंबर को जारी फरमान ने अधिकारी-कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। नागपुर जोन में सभी प्रकार के उपभोक्ताओं की संख्या करीब 20 लाख है और कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर बाकी सभी से वसूली करने को कहा गया है। नागपुर जोन में बकाएदार उपभोक्ताओं की संख्या (कृषि उपभोक्ता छोड़कर) 5 लाख है।
कोरोनाकाल में 70 फीसदी उपभोक्ताओं ने पूरा बिजली बिल नहीं भरा। अधिकांश उपभोक्ता इंस्टालमेंट पर बिल भर रहे हैं। बिजली बिल की वसूली नहीं होने से महावितरण की आर्थिक स्थिति नाजुक बनी हुई है। बकाएदार काम-धंधा पटरी पर नहीं आने का कारण बताकर बिल का भुगतान करने में असमर्थता जता रहे हैं।
महावितरण नागपुर के प्रभारी प्रादेशिक संचालक सुहास रंगारी ने 2 दिसंबर को पत्र जारी करके 31 दिसंबर तक बिल की वसूली करने का फरमान जारी किया। यह भी कहा है कि वसूली की रिपोर्ट हर दिन देने होंगे। वसूली नहीं होने पर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी को जिम्मेदार माना जाएगा। संबंधित अधिकारी का एसीआर भी प्रभावित करने की चेतावनी दी। वसूली की गति काफी धीमी है और इस पर सख्त नाराजी जताई गई है।
ऊर्जा मंत्री डा. नितीन राऊत ने महावितरण की नाजुक स्थिति पर कई बार बयान दिए, लेकिन कभी भी उपभोक्ताओं से सख्ती बरतने की बात नहीं कही। वसूली को लेकर अधिकारियों पर कार्रवाई करने की भी चेतावनी नहीं दी। संवाद स्थापित करने, संपर्क करने, शंकाओं का निराकरण करने, तकनीकी खामी समझाकर बताने व इंस्टालमेंट देकर बिल की वसूली करने का आदेश महावितरण को दिया। कोरोनाकाल काे ध्यान में रखकर ऊर्जा मंत्री नरम रुख अपना रहे हैं, वहीं प्रादेशिक संचालक सुहास रंगारी का फरमान मंत्री के बयान व व्यवहार के बिल्कुल उलट है।