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कोयला खदानों में कमर्शियल माइनिंग शुरू होगी

50 कोल ब्लॉक और 500 माइनिंग ब्लॉक निजी सेक्टर के लिए खोले जाएंगे

 

नई दिल्ली – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लगातार चौथे दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की और 8 सेक्टरों में होने वाले ढांचागत सुधारों के बारे में बताया। ये 8 सेक्टर हैं- कोयला, मिनरल्स, डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग, एयर स्पेस मैनेजमेंट-एयरपोर्ट्स और मेनटेनेंस एंड ओवरहॉल, पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियां, सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा। इनमें से 3 सेक्टर कोयला, मिनरल्स और स्पेस को सरकार ने निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया है।

वित्त मंत्री ने एयरपोर्ट्स और पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट और निजीकरण की बात कही, लेकिन यह पहले से चल रहा है। कई एयरपोर्ट्स का ऑपरेशन निजी कंपनियों के हाथों में है। महानगरों में पावर डिस्ट्रिब्यूशन का काम भी निजी कंपनियों के पास है। वित्त मंत्री 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज के तहत रविवार सुबह 11 बजे पांचवीं और आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी।

 कोल ब्लॉक निजी क्षेत्र को मिलेंगे, रेवेन्यू सरकार से साझा करना होगा
 कोयला सेक्टर में अब सरकार कमर्शियल माइनिंग की इजाजत देगी। इससे कॉम्पीटिशन बढ़ेगी। पारदर्शिता आएगी। कोई भी कोल ब्लॉक के लिए बोली लगा सकेगा और बाद में काेयला ओपन मार्केट में बेच सकेगा।
 निजी कंपनियों को फायदा मिलेगा। सरकार की मोनोपॉली खत्म होगी। 50 कोल ब्लॉक निजी सेक्टर के लिए खोले जाएंगे। कोयले की खदानों से मीथेन निकालने की भी नीलामी होगी।
 50 हजार करोड़ रुपए इसके इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर खर्च होंगे। इस सेक्टर में निजी कंपनियों की एंट्री के लिए नियम आसान किए जाएंगे। कंपनियों को प्रति टन एक फिक्स रेट पर पैसा देने की बजाय सिर्फ रेवेन्यू सरकार से साझा करना होगा। अगर कोयले को गैस में बदलने की सुविधा भी होती है तो इंसेंटिव मिलेगा।
 सरकार को उम्मीद है कि इससे 2023-24 तक कमर्शियल माइनिंग के जरिए 1 अरब टन कोयला उत्पादन हो सकेगा।

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