◆ भाजपा नेता और पूर्व सीएम नारायण राणे ने राज्यपाल से मुलाकात कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है
◆ शिवसेना नेता राउत ने कहा- महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने के सभी प्रयासों को विफल कर दिया जाएगा
मुंबई : कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र में फिर से सियासी हलचल तेज हो गई है। सोमवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। इसके बाद पवार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री पर मुलाकात के लिए पहुंचे। यहां पवार, उद्धव और शिवसेना सांसद संजय राउत के बीच बैठक हुई। पहले राज्यपाल और फिर उद्धव से पवार की चर्चा के बाद राज्य में सियासी हलचल बढ़ गई है। तीनों नेताओं के बीच हुई यह बैठक इसलिए भी अहम रही कि राकांपा प्रमुख कई साल बाद मातोश्री पहुंचे। इससे पहले वे बाला साहब ठाकरे के समय में मातोश्री गए थे।
मुलाकात के कयासों पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि जब देश और प्रदेश मुश्किल समय से गुजर रहे हैं और अगर शरद पवार और उद्धव ठाकरे जैसे दिग्गज नेता आपस में बात कर रहे हैं तो किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। राष्ट्रपति शासन के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई बात न तो अमित शाह और न ही नितिन गडकरी से मैंने सुनी है। ऐसे में मैं इन बातों पर कैसे यकीन कर लूं।
◆ राज्यपाल से राजनीति चर्चा नहीं: प्रफुल्ल पटेल
पवार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भी मुलाकात की थी। इस दौरान राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल भी पवार के साथ थे। करीब 20 मिनट तक की मुलाकात के बाद बाहर निकलकर पटेल ने बताया कि राज्यपाल के बुलावे पर हम यहां आए थे। कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।
◆ सरकार मजबूत स्थिति में: राउत
शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार को ट्वीट किया- विपक्षी पार्टियों ने महाराष्ट्र सरकार का बायकॉट करने का आह्वान किया है। मैं कहना चाहता हूं कि विरोधियों को क्वारैंटाइन में जाना चाहिए। महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने की सभी कोशिशों को नाकाम कर दिया जाएगा। जय महाराष्ट्र!
संजय राउत ने भी ट्वीट किया, ‘‘शरद पवार और उद्धव ठाकरे के बीच मातोश्री में डेढ़ घंटे तक बातचीत हुई। सरकार अस्थिर करने की अफवाह उड़ाई जा रही है। सरकार मजबूत है! जय महाराष्ट्र!’’
◆ भाजपा ने की राष्ट्रपति शासन की मांग
उधर, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे ने भी सोमवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। उन्होंने मौजूदा हालात को देखते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। दरअसल, कुछ दिनों के दौरान शिवसेना और राज्यपाल के बीच बढ़ते टकराव के कई मामले सामने आए हैं। चाहे वह उद्धव के मनोनयन का मामला हो या मुंबई यूनिवर्सिटी में एग्जाम करवाने की बात। अब कोरोनावायरस के अनियंत्रित होते जाने की खबरों के बीच इस तरह की सियासी अफवाह भी शुरू हो गई है कि केंद्र यहां राष्ट्रपति शासन लगाकर राज्य को नियंत्रण में ले सकता है।