पारशिवनी समाचार : शहर में कोरोना संक्रमितों का इलाज ना होने पर कई मरीजों ने अपनी जान गवाई है, वहीं कोरोना मरीजों के इलाज के लिये शहर में पर्याप्त सुविधा नहीं होने से और वहा पर
बेड, ऑक्सीजन नहीं मिलने से उन्हे नागपुर के सरकारी अस्पताल
भेजने पर वहा भी उन्हें इलाज नहीं मिलता था. निजी अस्पताल पहले से ही हाउसफुल होने के कारण यहा के मरीजो को इलाज नहीं मिलने से इलाज के अभाव से कइयों ने दम तोड़ा. पिछले 15 दिन में इलाज की कमी की वजह से कई मरीजों की जान गई हैं. शहर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना मरीजो की तादात बढ़ती जा रही है।
रामटेक विधानसभा क्षेत्र के विधायक आशिष जैसवाल ने जनहानी को देखते हुये सभी कोरोना संक्रमितों को उचित इलाज मिले इसलिए हर संभव कोशिश की थी. पर सभी और भयानक परिस्तिथि होने से प्रशासन यहा पर पर मरीजो को इलाज कराने में नाकाम होते देख खुद विधायक आशिष जैसवाल मदद के लिए सामने आए. ऐसे हालात को देखते हुए कोविट सेंटर का निर्माण
करना जरूरी था. इसी के मद्देनजर विधायक ने प्रशासन से गुहार लगाते हुए पारशिवनी शहर में कोविड सेंटर शुरू करने की मांग की. और प्रशासन ने हामी भरी, लेकिन प्रशासन के पास उचित व्यवस्था नही होने से खुद विधायक आशिष जैसवाल ने अपनी और से मरीजो के लिये 60 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाये, वहीं मागास वर्गीय होस्टल को कोचिड सेंटर को तब्दील किया गया. जहा सभी सुविधायें विधायक की और से मुहैया कराई गई.
प्रशासन ने भी समय की नजाकत को देखते हुये वहा पर डॉक्टर, बेड, कर्मचारी, उपलब्ध कराने से शहर में मंगलवार को सुबह कोविट सेन्टर शुरू किया गया. सभी सरकारी अधिकारियों के साथ विधायक ने कोविद सेन्टर का जायजा लिया. सभी को दिशा निर्देश
दिए गये. किसी प्रकार की कमी ना हो सभी कोरोना मरीजों को इलाज मिले, इसलिए यहा के विधायक प्रयासत है. कोविट सेन्टर शुरू होने से शहर में विधायक के प्रयासों की सराहना हो रही है.