23 मार्च को शादी, 25 को लॉकडाउन, 52 दिन बारात कोलकाता में रही, ऊना में हुए क्वारैंटाइन, 71 दिन बाद दुल्हन का गृह प्रवेश
हिमाचल प्रदेश : ऊना जिला के परोइयां गांव के सुनील कुमार की शादी कोलकाता में थी। लेकिन उन्हें क्या पता था कि शादी होते ही कोरोना उनकी जिंदगी को 71 दिन के लिए लॉक कर देगा। सुनील शादी के लिए 18 बारातियों के साथ 20 मार्च को ट्रेन में कोलकाता गए थे। 23 मार्च को बंगाली रीति रिवाज से सुनील और सुनिप्ता की शादी हुई। 25 मार्च को उनकी वापसी की ट्रेन थी लेकिन इसी दिन से मोदी सरकार ने लॉकडाउन घोषित कर दिया। पूरी बारात कोलकाता के काशीपुर में ही लड़की के घर पर फंस गई। वापसी मुश्किल थी क्योंकि बस, ट्रेन, हवाई जहाज सारी सेवाएं बंद थीं। सभी बाराती राज्य सरकार और जिला प्रशासन से वापसी की गुहार लगा रहे थे।
52 दिन बाद वापस पहुंची बारात
बरातियों का पता चाल कि इसी बीच एक बस सोलन से कोलकाता गई हुई थी। इसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन से वापसी के लिए संपर्क किया। पूरी बारात बस से 16 मई को वापस पहुंच गई। मेहतपुर बैरियर पर पहुंचते ही सभी बारातियों को इंस्टीट्यूशनल क्वारैंटाइन सेंटर भेज दिया। यहां हेल्थ विभाग ने सभी के सैंपल लिए और टांडा भेज दिए।
71 दिन बाद दुल्हन ने गृह प्रवेश किया
23 मई को दूल्हे के भाई की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इससे दूल्हा-दुल्हन की घर वापसी फिर कुछ दिन के लिए टल गई। दूल्हे के भाई को कोविड सेंटर खड्ड में एडमिट करवा दिया गया है। शनिवार शाम को इनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। फिर सभी 17 लोगों को घर जाने की मंजूरी दे दी गई। बंगाणा के बीएमओ डॉ. एनके आंगरा ने उन्हें डिस्चार्ज स्लिप देकर विदा किया। आखिरकर शुक्रवार नवदंपति की जिंदगी में खुशियां लेकर आया। सुनील और सुनिप्ता कुमारी अपने घर पहुंचे और 71 दिन बाद दुल्हन ने गृह प्रवेश किया।
दुनिया की संभवत: ऐसी पहली शादी जहां 52 दिन रुके बाराती
आजकल शादियां एक दिन में निपट जाती हैं। शाम को जाओ सुबह दूल्हन ससुराल में। लेकिन ऊना के परोइयां की यह शादी देश ही नहीं दुनिया की संभवत: ऐसी पहली शादी होगी जिसमें बारात दूल्हन के घर 52 दिन तक रुकी। भले ही यह मजबूरी थी। सुनील और सुनिप्ता ने कहा-लॉकडाउन की वजह से काफी दिक्कतें हुई लेकिन जीवन बचाने के लिए यह भी जरूरी था।