अखिल विश्व सरयूपारीण ब्राह्मण महासभा की रामकथा का राम राज्याभिषेक के साथ समापन
नागपुर समाचार : पुत्र महान हो तो एक कुल को कृतार्थ करता हैं एवं पुत्री महान हों तो दो कुल को कृतार्थ करती है। यह उद्गार विन्ध्यापीठाधीश्वर बालयोगी अंतरराष्ट्रीय संत संजय महाराज ने व्यक्त किए।
अखिल विश्व सरयूपारीण ब्राह्मण महासभा की ओर से अमृत भवन, उत्तर अंबाझरी मार्ग में आयोजित श्रीरामकथा का विराम भगवान राम के राज्याभिषेक के साथ हुआ। महाराजश्री ने कहा कि पुत्र एक ही कुल को तारता है, जबकि पुत्री दो कुल को पवित्र करती है-
‘पुत्री पवित्र किए कुल दोऊ’।
महाराजश्री ने कहा कि स्त्री की रक्षा तीन प्रकार से होती है। बाल्यावस्था में पिता रक्षा करता है, विवाह के बाद पति और वृद्धावस्था में पुत्र के संरक्षण को प्राप्त करती है। उसी प्रकार बाल्यावस्था में देवी के समान, विवाह के उपरांत लक्ष्मी के समान तथा विधवा होने पर वह परम पावनी मां गंगा के समान होती है। मनु महाराज ने कहा कि जहां नारियों की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं।
कथा के मुख्य यजमान महासभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रामनारायण मिश्र व सावित्री मिश्र, राजेश प्रसाद पांडेय व शशिकला पांडेय, रवींद्रकुमार पांडेय व अरुणा पांडेय थे।
रामकथा के दौरान शिव विवाह और नारद मोह प्रसंग, श्रीराम जन्मोत्सव, सिया पिया मिलन, भरत मिलाप आदि प्रसंगों की कथा सुनाई। नागपुर के अलावा अन्य शहरों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पधारे और राम कथा का श्रवण किया। महाप्रसाद का श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया।
सफलतार्थ महामंत्री राजेश पांडेय, ओमप्रकाश मिश्र, प्रेमशंकर चौबे, रत्नेश्वर तिवारी, केशवकांत तिवारी, शैलेश पांडेय, ब्रजेश मिश्र, अजय त्रिपाठी, मनोज पांडेय, जयराम दुबे, जीवन शुक्ला आदि ने प्रयास किया।