कपड़ा व फुटवेअर में जी.एस.टी. वृद्धि को एन.वी.वी.सी. का विरोध
नागपुर समाचार : विदर्भ के 13 लाख व्यापारियों की अग्रणी व शीर्ष संस्था नाग विदर्भ चेंबर आॅफ काॅमर्स के अध्यक्ष श्री अश्विन प्रकाश मेहाड़िया ने चेंबर के उपाध्यक्ष श्री स्वप्निल अहिरकर, सहसचिव श्री राजवंतपाल सिंग तुली एवं अप्रत्यक्ष कर समिती के संयोजक व कार्यकारिणी सदस्य श्री रितेश मेहता के साथ जी.एस.टी. विभाग द्वारा कपड़ा व फुटवेअर की वस्तुओं में जी.एस.टी. दर में 5% से 12% की गयी वृद्धि का विरोध दर्शाते हुये नागपुर के जी.एस.टी. के संयुक्त आयुक्त श्री वी.एम. कामथेवाड को प्रतिवेदन दिया।
अध्यक्ष श्री अश्विन मेहाड़िया ने श्री कामथेवाडजी को प्रतिवेदन देते हुये कहा कि जी.एस.टी. विभाग ने कपड़ा व फुटवेअर संबंधी वस्तुओं में 18 नवंबर 21 को नोटिफिकेशन जारी कर जी.एस.टी. दर में 5% से 12% की गयी वृद्धि अहितकारी है। रोटी, कपड़ा और मकान मानव की मूलभूत आवश्यकताएं है। जी.एस.टी. दर में वृद्धि के कारण इन वस्तुओं की कीमतों में बहुत अधिक वृद्धि होकर आमजनता जो कि अंतिम उपभोक्ता है उस पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा और यह वस्तुएं उनकी की पहुंच से दुर होती जायेगी। कृषि क्षेत्र के बाद कपड़ा उद्योग देश में रोजगार देने वाला दुसरा सबसे बड़ा उद्योग है अतः सरकार ने कपड़ा व फुटवेअर उद्योग में 1 जनवरी 2022 से लागू होने वाली जी.एस.टी. वृद्धि दरों को वापस लेना चाहिये।
चेंबर के उपाध्यक्ष श्री स्वप्निल अहिरकर ने कहा कि इस तरह अचानक जी.एस.टी. विभाग द्वारा कपड़ा व फुटवेअर उद्योग में जी.एस.टी. की दरों में 5% से 12% वृद्धि करने से अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर होगा। जिससे इस क्षेत्र के छोटे व्यापारियों पर आर्थिक बोझ बढ़ने के परिणाम स्वरूप में उत्पादन में कमी होकर रोजगार के साधन कम होगे।
चेंबर के सहसचिव श्री राजवंपाल सिंग तुली ने कहा कि जी.एस.टी. दरों में दुगनी वृद्धि के कारण कपड़ा उद्योगों में निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और निर्यात में वियतनाम, इंडोनेशिया, एवं बांग्लादेश जैसे देशों से मुकाबला नहीं कर पायेगा।
चेंबर अप्रत्यक्ष कर समिती के संयोजक व कार्यकारणी सदस्य श्री रितेश मेहता ने कहा कि सरकार ने कपड़ा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये Production Linked Incentive scheme (PLI) योजना की घोषणा की है किंतु जी.एस.टी. विभाग ने इसी समय कपड़ा व्यापार में जी.एस.टी. की दरों को बढ़ा दिया है जिसके कारण PLI योजना का लाभ कपड़ा व्यापारियों को नहीं मिलेगा और कपड़ा व फुटवेअर उद्योगों मंे निराशा का माहौल छा जायेगा। अतः जी.एस.टी. विभाग ने कपड़ा व फुटवेअर संबंधी वस्तुओं में 1 जनवरी 2022 से लागू होने वाली जी.एस.टी. वृद्धि दरो को वापस लेना चाहिये। उपरोक्त प्रेस विज्ञप्ति द्वारा सहसचिव श्री शब्बार शाकिर ने दी।