बादशाह दरवेश गुर गोबिंद सिंघ, शाहि शहनशाह गुरू गोबिंद सिंघ के जयघोश से गूंज उठा परिसर
नागपुर समाचार : दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंघ जी के 355 वें प्रकाश पर्व (जयंती) के अवसर पर श्रद्धालुओं ने श्री कलगीधर सत्संग मंडल में सुबह से ही गुरु महाराज के दर्शन कर माथा टेक, अरदास कर आशीर्वाद प्राप्त किया। श्रद्धालुओं ने हर्षोल्लास व उमंग के साथ ‘बादशाह दरवेश गुर गोबिंद सिंघ, शाहि शहनशाह गुरू गोबिंद सिंघ’, ‘नासिरो मनसूर गुरू गोबिंद सिंघ’, ‘कलगियांवाले-बाजांवाले-हेमकुंटवासी गुरु गोबिंद सिंघ’, ‘धनगुरु गोबिंद सिंघ वाहुगुरु गोबिंद सिंघ’ इत्यादि इत्यादि जयघोष कर खुशी मनाई। इस अवसर पर सात दिनों से जारी ऑनलाइन इच्छरपूरक प्रभु सिमरन-प्रार्थना व ‘श्री गुरु ग्रंथ साहिब के साप्ताहिक पाठ का भोग साहिब’ (समापन) हुआ।
श्री कलगीधर सत्संग मंडल द्वारा श्री गुरु गोबिंद सिंघ प्रकाशपर्व (जयंती) निमित्त आयोजित कार्यक्रम में अधि. माधवदास ममतानी ने श्रद्धालुओं को बताया कि कलियुग में श्री गुरु ग्रंथ साहिब महान गुरु हैं और दस पातशाहियों के आत्मिक स्वरुप हैं। जिन्हें दस गुरुओं के दर्शन करने हैं उन्हें श्री गुरु ग्रंथ साहिब के दर्शन करने चाहिए और जो गुरु से बात करना चाहता है वह मन लगाकर गुरु ग्रंथ साहिब का हुकुमनामा (वचन साहिब) पढ़ें। गुरु बिलास पुस्तक के रचियता कवि सोहनजी लिखते हैं कि गुरुजी ने सारी संगत के सम्मुख कहा है कि जो प्रेम धारण करकेे श्रद्धा से श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ सुनकर व पढ़कर भोग पाएगा उसे करोड़ों यज्ञों का फल प्राप्त होगा और उसकी सभी शुभ इच्छाएं पूर्ण होंगी। जो मृतक के निमित्त श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ रखवाकर भोग पाएगा उस मृत आत्मा के सारे पाप एक क्षण में सड़ जाएंगे और वह नरक के द्वार से बच जाएगी।
जारी प्रवचन में अधि. ममतानी ने बताया एक बार श्री गुरु गोबिंदसिंघ महाराज दमदमा साहिब में विराजमान थे तब राजा जयसिंघ ने उन्हें आकर बताया कि हे महाराज, आठवीं पातशाही श्री गुरु हरक्रिशन साहिब जी को विनंती करके मैं दिल्ली ले आया और भावना से सेवा की परंतु जिस दिन से गुरुजी ने दिल्ली में अपने शरीर को त्याग दिया उस दिन से मेरे तन-मन में जलन हो रही है और मैं अपने आप को अपराधी समझ रहा हूं क्योंकि गुरुजी को दिल्ली लाने वाला मैं ही था। कृपया करके आप मेरा यह अपराध क्षमा करें। गुरुजी ने उसे बताया कि तुम अश्वमेध यज्ञ करवाओ जिससे तुम्हारे तन-मन की जलन दूर होगी। राजा जयसिंघ ने हाथ जोड़कर विनती की कि हे सच्चे पातशाह, हम छोटे राजाओं में अश्वमेध यज्ञ करने का सामर्थ्य कहां है ? तब अंतर्यामी गुरुजी ने फरमाया राजन् तुम श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ विधीवत् करवाओ तो तुम्हारी पीड़ा दूर हो जाएगी।
अधि. माधवदास ममतानी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को बताया कि इसी तरह दुखों के निवारण के लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ गुरमति अनुसार आदि काल से चल रहा है। उन्होंने बताया कि परमात्मा का नाम जो सुनकर गाते हैं उन्हें कई करोड़ों यज्ञों का फल प्राप्त होता है- ‘कई कोटिक जग फला, सुणि गावनहारे राम’ (पृ. क्र. 546, श्री गुरु ग्रंथ साहिब) इसी बात को ध्यान में रखकर श्री कलगीधर सत्संग मंडल विगत 52 वर्षों से श्री गुरु गोबिंद सिंघ प्रकाशपर्व (जयंती) निमित्त विभिन्न शुभ इच्छाओं की पूर्ती हेतु अरदास (सामूहिक प्रार्थना) व साप्ताहिक पाठ का आयोजन कर रहा है।
आज जयंती दिवस पर सुबह 5.30 से 8.30 बजे श्री आसादीवार व दोपहर 2 से 6.30 बजे तक श्री जपुजी साहिब व शबद कीर्तन प्रवचन श्री कलगीधर सत्संग मंडल के युट्यूब चैनल व फेसबुक पेज पर प्रसारित किया गया।
अंत में अधि. ममतानी ने श्री गुरु गोबिंद सिंघ प्रकाश पर्व निमित्त आयोजित ‘श्री गुरु ग्रंथ साहिब’ के साप्ताहिक पाठ का भोग पाकर सभी की शुभ मनोकामनायें पूर्ण हो तथा सभी धर्मावलंबियों तथा संगत में आपस में भाईचारा, एकता व कोराना जैसी महामारी से छुटकारा मिल सके इस हेतु परमात्मा से अरदास (प्रार्थना) की। श्रद्धालुओं ने आम लंगर (महाप्रसाद) ग्रहण कर गुरु महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया।
संयोजक अधि. ममतानी ने प्रकाशपर्व के सभी कार्यक्रमों के अति सुंदर आयोजन में सहयोग के लिये सभी संगत, श्रद्धालुओं, रागियों, सेवाधारियों द्वारा दिये गये प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोग के लिये आभार प्रकट किया व श्री गुरु गोबिंदसिंघ प्रकाश दिवस के उपलक्ष्य में सभी को बधाईयां दी।
इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री डॉ. नितिन राऊत के हस्ते विधायक निधि से सौर ऊर्जा संयंत्र ‘सोलार’ का उद्घाटन कर मंडल को समर्पित किया। श्री गुरु गोबिंदसिंघ प्रकाशपर्व पर आयोजित कार्यक्रम में पालक व ऊर्जा मंत्री डॉ. नितिन राऊत, पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणविस, केबिनेट मिनिस्टर सुनिल केदार, विधायक विकास ठाकरे व प्रकाश गजभिये, पूर्व विधायक डॉ. मिलिंद माने व गिरीश व्यास, नगर सेवक विरेन्द्र कुकरेजा, नगर सेविका प्रमिला मथरानी, भावना लोणारे व आभा पांडे, पूर्व नगर सेवक सुरेश जग्यासी, अतुल कोटेचा, घनश्याम कुकरेजा, महेश साधवानी, किशोर पालांदुरकर, रोहित यादव, रुपराज गौर इत्यादि गणमान्य नागरिकों ने शामिल होकर गुरुमहाराज का आशीर्वाद लिया।