सिंधी पर्व लाल लोई और मकर संक्रांति बहनो ने हर्षोल्लास से मनाया
नागपुर समाचार : शुक्रवार को जरीपटका में दिव्या ब्यूटी पार्लर के प्रांगण में विश्व सिंधी सेवा संगम के महाराष्ट्र अध्यक्ष प्रताप मोटवानी के मार्गदर्शन में महाराष्ट्र महिला टीम और विदर्भ महिला टीम की बहनों ने बेहद हर्षोल्लास से सिंधी समाज का प्रमुख पर्व लाल लोई और मकर संक्रांति पर्व मनाया।महाराष्ट्र महिला टीम की नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ भाग्यश्री खेमचन्दानी ने बताया कि सिंधी समाज का पर्व लोहड़ी के त्योहार का सिंधी नाम लाल लोई है।
1947 में भारत के विभाजन से पहले, सिंध के कुछ हिस्सों में लाल लोई मनाया जाता था। लाल लोई के दिन बच्चे अपने दादा – दादी और मौसी से लकड़ी की छड़ें लाते थे और रात में आग जलाते थे और लोग आग के चारों ओर आनंद लेते, नाचते और खेलते थे। उसी के अनुरूप आज आग के इर्दगिर्द सिंधी नृत्य किया गया साथ ही मकर संक्रांति के पर्व को भी हर्षोल्लास से मनाया गया पतंग पर वीएसएसएस लिख कर उड़ाया गया।
ईश्वर की और वरूण देव झूलेलाल की पूजा अर्चना के बाद तिल के लड्डू खाकर प्रेम आनंद और स्नेह सद्भाव से पर्व मनाया। उन्होंने बताया 7 जनवरी को एम्बिवल्ली में चौथे अंतराष्ट्रीय सिंधी सम्मेलन में हमारे महाराष्ट्र अध्यक्ष प्रताप मोटवानी को पूरे विश्व मे बेस्ट स्टेट प्रेसिडेंट का अवार्ड मिला है हमारे लिए यह परम सौभाग्य की बात है। हमे अब प्रतिवर्ष इसे कायम रखने के लिए साल भर से सक्रिय होकर एक्टिविटी बढ़ाना है, अगले वर्ष भी बेस्ट स्टेट अध्यक्ष अवार्ड हमारे महाराष्ट्र राज्य को ही दिलवाना है।
विदर्भ अध्यक्ष श्रीमती कंचन जगयासी ने सभी को लाल लोई और मकरसंक्रान्ति की बधाई दी और इस वर्ष उनकी टीम अध्यक्ष प्रताप मोटवानी के मार्गदर्शन में बेहतरीन कार्य करेंगी आश्वस्त किया। नई टीम के पदाधिकारियों को बधाई दी।
कार्यक्रम में महाराष्ट्र महिला टीम से विद्या बाखरू, डॉ मनीषा मनवानी, सुनीता बजाज, वंशिका केसवानी, अनिता नागवानी, रश्मि मोहनानी, दिव्या जगुजा, साक्षी लालवानी, राजकुमारी जशनानी, रेणु सेसवानी, निशा केवलरमानी, ईशा वाधवानी, दिशा केवलरमानी, मधु रामचंदानी, दिव्या खिलवानी सहित विदर्भ महिला टीम की अध्यक्ष कंचन जगयासी, महासचिव रिचा केवलरमानी, उपाध्यक्ष कशिश सच्चानी, मोनिका मेठवाणी, रेखा सतवानी, भुवि जशननी, सोनिया जगयासी, सिमरन मिहानी, स्वाति आहूजा और अन्य बहनो ने बेहद आनंदित होकर पर्व मनाया और अंत मे आभार दिव्या जगुजा ने किया।