पंचतत्व में विलीन हुईं भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर, राजकीय सम्मान से हुआ अंतिम संस्कारभारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर के अंतिम दर्शन
महाराष्ट्र समाचार : स्वर कोकिला और भारत रत्न लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ मुंबई के शिवाजी पार्क मे किया गया। उनके अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं ने सलामी दी फिर उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने उन्हें मुखाग्नि दी।
दिग्गज गायिकाऔर भारत रत्न लता मंगेशकर अब हमारे बीच नहीं रहीं। लता दीदी ने 92 की उम्र में रविवार सुबह दुनिया को अलविदा कह दिया। मुंबई के शिवाजी पार्क में पंडितों के मंत्र उच्चारण के बीच लता मंगेशकर को उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने मुखग्नि दी। लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस दौरान राजनीति, खेल, मनोरंजन जगत सहित कई क्षेत्र के लोग लता जी की इस अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
भारत रत्न लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार में उनके परिजन, सिनेमा जगत के सितारे, तमाम दिग्गज नेता और फैंस शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिवजी पार्क पहुंचे जहां उन्होंने लता दीदी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस दौरान महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, सीएम उद्दव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सचिन तेंदुलकर और अनुपम खेर समेत तमाम दिग्गज श्रद्धांजलि देने शिवजी पार्क पहुंचे थे।
भारतीय फिल्म संगीत हो या कोई अन्य संगीत, आधुनिक भारत के संदर्भ में लता मंगेशकर का नाम हमेशा याद किया जाएगा। लोगों ने माना कि उनकी आवाज में वो बात थी कि प्रशंसा के शब्द कम पड़ जाएं। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि वह एक बेहतरीन गायिका होने के साथ-साथ एक नेक दिल इंसान भी थीं। इसीलिए वह पूरे देश की लता दीदी कहलाईं।
उनकी आवाज में ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी… देशभक्ति गीत सैनिकों की शहादत को नमन करता है, जिसे सुनकर आज भी हर देशवासी की आंखों में आंसू आ जाएं। ये गीत उन्होंने भारत-चीन युद्ध (1962) में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में गाया था।
लता जी ने लगभग हर मौके और परिस्थिति के लिए गीत गाये, जिससे अलग-अलग पीढ़ी के न जाने कितने ही कलाकारों का करियर आगे बढ़ने में मदद मिली होगी। लेकिन चकाचौध से भरी इस फिल्म इंडस्ट्री के ग्लैमर का रंग उन पर कभी हावी नहीं दिखा। वह एक बेहद साधारण परिवार से थीं और उन्होंने पूरी जिंदगी खुद को एक साधारण महिला माना और ऐसा करती वह दिखती भी थीं। आप जब भी आंखे बंद करके उनकी छवि याद करेंगे तो वह हल्के बार्डर वाली आफ व्हाइट साड़ी में दिखाई देंगी। चेहरे पर स्नेहभरी हल्की सुस्कान, मानो सामने वाले को बड़े होने के नाते आर्शीवाद दे रही हों। और अपने जीवन के अंत समय तक उन्होंने यह छवि ही बनाए रखी।
लता मंगेशकर को फिल्मों में उनके द्वारा दिए गए अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लता मंगेशकर को साल 1969 में पद्म भूषण पुरस्कार ,साल 1989 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार, साल 1999 में पद्म विभूषण(1999) और साल 2001 में ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया। वे अविवाहित रहीं। महान गायिका व भारत की अनमोल रत्न लता मंगेशकर सभी के लिए आदर्श हैं और उनका जीवन कई लोगों के लिए प्रेरणादायक है। अपनी सुरीली आवाज़ से दर्शकों के दिलों को छूने वाली लता मंगेशकर के चाहने वालों की संख्या लाखों में है। लता मंगेशकर का निधन संगीत जगत के एक स्वर्णिम युग का अंत है।